The last war

By S.M. Siddique

प्रस्तुत महाकाव्य वैश्विक शान्ति स्थापित करने की दिशा में एक छोटी सी पहल है. हम अपने और अपने पूर्वजों के द्वारा अर्जित महान उपलब्धियों को एक विरासत के रुप में आने वाली पीढियों को हस्तान्तरण करने के इच्छुक है तो एक अच्छे संरक्षक का परिचय देते हुए इस सृष्टि की रक्षा करनी होगी जिसकी गौरवशाली समृद्धता को निगलने के लिए एक महायुद्ध

About the Author

लेखिका एस. एम. सिद्दीकी राजस्थान की रहने वाली है. वह सम सामयिक घटनाओं और जन मानस को उद्वेलित करने वाले गम्भीर मुद्दो पर अपनी बेबाक राय उपन्यास के माध्यम से व्यक्त करने का प्रयास करती है। यह उपन्यास उनकी तीसरी रचना है।

About the book

प्रस्तुत महाकाव्य वैश्विक शान्ति स्थापित करने की दिशा में एक छोटी सी पहल है. हम अपने और अपने पूर्वजों के द्वारा अर्जित महान उपलब्धियों को एक विरासत के रुप में आने वाली पीढियों को हस्तान्तरण करने के इच्छुक है तो एक अच्छे संरक्षक का परिचय देते हुए इस सृष्टि की रक्षा करनी होगी जिसकी गौरवशाली समृद्धता को निगलने के लिए एक महायुद्ध

राह देख रहा है। हमें निःशस्त्रीकरण को अपनाते हुए पूरी दुनियाँ से सामूहिक विनाश के उन परमाण्विक एवं गैर परमाण्विक हथियारों को दूर करना होगा जो तीसरे विश्व युद्ध की भयावह आशंका के लिए जिम्मेदार है,

ये खतरनाक हथियार उन हिंसा प्रिय राजनेताओं, तानाशाहों के गर्व से भरे हुए मस्तिष्क में उन्मादी विचारों को स्थान देते हैं जो अपने को दूसरों से ताकतवर दिखाने के लिए जंग का आव्हान करते हुए जरा भी संकोच नहीं करते। मुट्ठी भर लोगों की इस सनक का खामियाजा विशाल संख्या में मौजूद शान्ति के उपासकों को क्यों भुगतना पड़ता है? इस प्रसंग को आधार मानकर उपन्यास में तीसरे विश्व युद्ध और उसके परिणामों पर रोचक तरीके से प्रकाश डाला गया है।

बड़े हर्ष के साथ यह रचना मानवता के सच्चे प्रहरी ‘डॉ.बाबा साहब अम्बेडकर को समर्पित है।

Other Details

Total Pages

432 Pages

Publication Date

26 March 2024

Publisher

Bluerose Publishers Pvt. Ltd.

Reading Age

13 years and up

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